पीएचडी का सपना देख रहे छात्र चार साल ग्रेजुएशन के बाद सीधा पीएचडी (PhD) में एडमिशन ले सकेंगे


भारत की नई शिक्षा नीति (NEP) में छात्रों को मास्टर कोर्स करने की चिंता नहीं होगी। पीएचडी का सपना देख रहे छात्र चार साल ग्रेजुएशन के बाद सीधा पीएचडी (PhD) में एडमिशन ले सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले उम्मीदवार सीधे पीएचडी कर सकते हैं और उन्हें मास्टर डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी। 

चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP) के फायदों के बारे में बताते हुए कुमार ने यूजीसी अध्यक्ष ने कई जरूरी बातें कहीं। उन्होंने कहा, "पहला फायदा यह है कि उन्हें पीएचडी प्रोग्राम में शामिल होने के लिए मास्टर डिग्री करने की जरूरत नहीं है। वे इसके लिए सिंगल या डबल मेजर भी ले सकते हैं।" 

यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि चार साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम के पूरी तरह से लागू होने तक तीन साल के ग्रेजुएशन कोर्स को बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि यूनिवर्सिटीज के पास तीन या चार साल प्रोग्राम (FYUP) के बीच चयन कर सकते हैं। उन्होंने बुधवार को एक न्यूज एंजेंसी को दिए इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था कि क्या विश्वविद्यालयों के लिए ऑनर्स डिग्री के लिए चार साल के पैटर्न पर माइग्रेट करना अनिवार्य है, उन्होंने कहा यह विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया गया है।

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