राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज दिनांक 01 नवंबर से सभी क्लासेस के बच्चों के लिए स्कूल को खोल दिया गया है। स्कूलों को खुलने के बाद आज सुबह-सुबह बच्चे सड़कों पर अपने घरों से निकलकर स्कूल जाते हुए दिखाई दिए, हालांकि, 9 से 12 तक के स्कूल पहले ही खुल गए थे पर स्कूलों का नजारा आज डेढ़ साल बाद बदला नजर आया, बच्चों में स्कूल को लेकर उत्साह नजर आया, कुछ बच्चे जो लेट उठने के आदी हो गये थे उन्हें थोड़ा परेसानी हुई जल्दी उठना पड़ा।
कोरोना वायरस की वजह से स्कूलों को कई तरह की गाइडलाइन्स का भी पालन करना जरूरी है, कोरोना महामारी की वजह से पिछले तकरीबन 19 महीनों से राजधानी के स्कूल बंद थे।
दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने पिछले हफ्ते ऐलान किया था कि 1 नवंबर से राजधानी के सभी स्कूलों को खोल दिया जाएगा, स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक समय में एक क्लास में 50 फीसदी से अधिक अटेंडेंस न हो।
हालांकि, दिवाली समेत कई त्योहारों के नजदीक आने की वजह से कई प्राइवेट स्कूल अभी नहीं खुल रहे हैं, ये स्कूल फेस्टिव सीजन के खत्म होने के बाद खुलेंगे।
प्राइवेट स्कूलों के ना खुलने का एक कारण तकनीकी स्टाफ एवं टीचिंग स्टाफ का ना होना भी हो सकता है क्योंकि अधिकतर स्कूल एवं कॉलेज सीमित स्टाफ के साथ चल रहे हैं जब तक नयी नियुक्तियां नहीं हो जाती ये कैसे खुल जाएंगे, फेस्टिवल सीजन तो एक बहाना हो सकता है तक तक स्टाफ की नियुक्ति के लिए।
सोमवार से दिल्ली के सभी स्कूल खुल भले ही खुल गए हों, लेकिन डीडीएमए का आदेश है कि स्कूलों को ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों ही मोड्स में टीचिंग को जारी रखना होगा।
कोरोनाकाल में ऑफलाइन चलने वाले स्कूल ऑनलाइन आ गए थे और इंटरनेट के जरिए से स्टूडेंट्स ऑनलाइन ही स्टडीज करते थे।
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